۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
समाचार कोड: 389253
14 मार्च 2024 - 14:08
शरई

हौज़ा / शरीयत इस्लाम में रोज़े से मुराद हैं, अल्लाह तआला की रज़ा और इज़हारे बंदगी के लिए इंसान आज़ान सुबह से मगरिब तक उन चीजों से दूरी अख्तियार करें जो रोज़े को बातिल होने का सबब हो,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : शरीयत में रोज़े से क्या मुराद हैं?

जवाब : शरीयत इस्लाम में रोज़े से मुराद हैं, अल्लाह तआला की रज़ा और इज़हारे बंदगी के लिए इंसान आज़ान सुबह से मगरिब तक उन चीजों से दूरी अख्तियार करें जो रोज़े को बातिल होने का सबब हो,

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