۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024
इमाम

हौज़ा/बैरूत के इमाम जुमआ ने स्पष्ट किया, हमारी लड़कियों का मानना ​​है कि खुदा ने उन्हें हिजाब पहनने का आदेश इस लिए नहीं दिया हैं ताकि इन्हें मजबूर कर दिया जाए बल्कि हमारी लड़कियां हिजाब पहनती हैं क्योंकि यह मानवता का प्रतीक है और वह इसी मानवता के साथ समाज में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,बैरूत के इमाम जुमआ हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद अली फज़लुल्लाही ने लेबनान के शहर नबातीह में नौ वयस्क लड़कियों के जश्न में एक भाषण के दौरान कहा,हमारी लड़कियां पकिज़गी और पवित्रता के साथ-साथ नमाज़ी भी हैं।

  वह हमेशा नेक कार्य करने के लिए तैयार हैं, और वे पूरी तरह से अल्लाह तआला के आदेश के लिए प्रतिबद्ध हैं, उनका हिजाब इस आज्ञाकारिता की अभिव्यक्ति हैं।
हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद अली फज़लुल्लाही ने आगे कहां,हमारी लड़कियों ने अपनी मर्जी से हिजाब चुना है, किसी ने उन्हें मजबूर या कैदी नहीं किया बल्कि उन्होंने देखा कि हिजाब ने उन्हें वास्तविक आजादी दी और इसलिए हिजाब को चुना हैं।


बैरूत के इमाम जुमआ ने स्पष्ट किया, हमारी लड़कियों का मानना ​​है कि खुदा ने उन्हें हिजाब पहनने का आदेश इस लिए नहीं दिया हैं ताकि इन्हें मजबूर कर दिया जाए बल्कि हमारी लड़कियां हिजाब पहनती हैं क्योंकि यह मानवता का प्रतीक है और वह इसी मानवता के साथ समाज में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।

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