हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया क़ुम और हौज़ा ए इल्मिया नजफ़ के प्रसिद्ध मराज ए तक़लीद ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों या अन्य जगहों के बारे में जहाँ लड़के और लड़कियां एक साथ जश्न मनाते हैं या पार्टी करते हैं के बारे मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है। ताकि दिल चस्पी रखने वाले हज़रात इसका अध्ययन करके अपनी जिम्मेदारी को पहचान सके।
कार्यक्षेत्र लड़के-लड़कियों के एक जगह इकट्ठा होने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं है।
प्रश्न ः विश्वविद्यालयों और कॉलेजों या अन्य जगहों के बारे में जहाँ लड़के और लड़कियां एक साथ जश्न मनाते हैं या पार्टी करते हैं उनके बारे मे क्या हुक्म है?
मसला: युनिवर्सिटियों और कॉलेजों या ऐसी दूसरी जगहों के बारे में क्या हुक्म है जहां लड़के और लड़कियां एक साथ जश्न मनाते हैं या पार्टी करते हैं?
उत्तरः तमाम मराज ए एज़ाम
लड़कों और लड़कियों का एक साथ एक जगह इकट्ठा होने में बिल्कुल भी कोई समस्या नहीं है;
लेकिन
अगर लड़कियां और औरतें सही हिजाब और पर्दे का पालन नहीं करती हैं, और इसी तरह लड़के और पुरुष गलत निगाहों और अन्य पापों (जैसे कि हराम संगीत या इसी तरह के संगीत) का पालन नहीं करते हैं, तो ऐसी पार्टियों में जाना जायज़ नहीं है।
नोट: ऐसी जगहों पर जाने से बचा जाए।
क्योंकि ऐसी परिस्तिथि में पापों से बचना बहुत मुश्किल होता है।
अल-उरवातुल वुस्क़ा, भाग 2, अल-निकाह, मस्अला न 49; तबरेज़ी, अल-इस्तिफ़तिआत , मस्अला न 1592 और 1594; खामेनई, इस्तिफ्ता, पेज 646; मकारिम, इस्तिफ़तिआत, भाग 1, पेज 813 और 805; इमाम, इस्तिफ़तिआत, भाग 3, (वज़ाइफ ए इज्तेमाई ज़नान), प्रश्न 19; साफी, जामे अल-अहाकम, भाग 2, पेज 1656 और 1658; कार्यालय: सिस्तानी, बेहजत, वहीद, फाजिल और नूरी।