۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शरई

हौज़ा/ अगर मुस्कुराना इस तरह से हो की जिससे शहवत ज़्यादा होती हो,या शहवत उभरे तो इस सूरत में बिल्कुल जायज़ नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ना महरम के साथ बात करते हुए मुस्कुराने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब:
सवाल:ना महरम के साथ बात करते हुए मुस्कुराने का क्या हुक्म है ?
मरजय इकराम, तबरेज़ी,वहीद,रहबर,व मकारिम ,नूरी,फाज़िल, सहाब


जवाब: अगर मुस्कुराना इस तरह से हो की जिससे शहवत ज़्यादा होती हो,या शहवत उभरे तो इस सूरत में बिल्कुल जायज़ नहीं हैं।
صافى، جامع‏‌الاحكام، ج‏2، س‏1670؛سيستانى، منهاج‏‌الصالحين، ج‏3، (النكاح)، م‏29؛ نورى، مكارم و امام، تعليقات على‏‌العروة، (النكاح)، م‏39؛ دفتر: بهجت، تبريزى، خامنه‌اى و وحيد

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