۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने  महिलाओं के लिए दार उल-कुफ़्र से दार उल-इस्लाम में प्रवास करने से संबंधित पुछे गए सवाल का जवाब दिया है। 

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,  ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने  महिलाओं के लिए दार उल-कुफ़्र से दार उल-इस्लाम में प्रवास करने से संबंधित पुछे गए सवाल का जवाब दिया है।जो लोग शरई मसाइल मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पुछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान कर रहे है। 

सवालः क्या ऐसी महिलाओं के लिए जो दार उल-कुफ़्र मे ईमान लाई हो और सामाजिक और पारिवारिक कारणों से इस्लाम को जाहरि करने में असमर्थ हैं, उन पर दार उल-इस्लाम में प्रवास करना ज़रूरी है?

जवाबः  अगर उन्हें इस्लामी देशों में प्रवास करने में कोई समस्या है, तो यह वाजिब नहीं है, लेकिन उन्हें हत्तल मक़दूर (जहा तक मुमकिन हो) नमाज़, रोज़ा और अन्य कर्तव्यों को करने की पाबंदी करनी चाहिए।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .