हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नज़हतुल नाज़िर" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الهادی علیه السلام
اَلْمِراءُ يُفْسِدُ الصَّداقَةَ الْقَديمةَ وَ يُحِلُّ الْعُقْدَةَ الْوَ ثيقَةَ وَ اَقَلُّ مافيهِ اَنْتَـكونَ فيهِ الْمُغالَبَةُ وَ الْمُغالَبَةُ أمتَنُ اَسْبابِ الْقَطيعَةِـكونَ فيهِ الْمُغالَبَةُ وَ الْمُغالَبَةُ أمتَنُ اَسْبابِ الْقَطيعَةِ
हज़रत इमाम हादी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तु तु, मैं मैं पुरानी दोस्ती को नष्ट कर देता है, एक मज़बूत रिश्ते को अलगाव में बदल देता है, और एक बहस का कम से कम प्रभाव एक पक्ष को दूसरे पर जीत दिलाना चाहता है और प्रभुत्व हासिल करने का यह प्रयास संबंध विच्छेद का सबसे प्रमुख कारण हैं।
नज़हतुल नाज़िर,139,हदीस नं 11