हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "सफीना तुल बिहार " पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم:
اوصيكُمْ بِالشُّبّانِ خَيْرا فَاِنَّهُمْ اَرَقُّ اَفـْئِدَةً اِنَّ اللّه َ بَعَثَنى بَشيرا وَ نَذيرافَحالَـفَنِى الشُّبّانُ وَ خالَفَنِى الشُّيوخُ، ثُمَّ قَرَاَ «فَطالَ عَلَيْهِمُ الاَْمَدُ فَقَسَتْ قُلوبُهُمْ»
अल्लाह के पैगंबर (स) ने फ़रमाया:
मैं आपको युवाओं के प्रति दयालु होने की सलाह देता हूं क्योंकि उनके दिल अधिक कोमल और नाजुक होते हैं। बेशक ख़ुदा ने मुझे ख़ुशख़बरी देने वाला और डराने वाला बनाकर भेजा है। फिर पैगंबर (स) ने इस आयत की तिवालत फ़रमाई: "फतल-अलैहिम-उल-अमदु फकसत-कुलुब-हिम" का अर्थ है "तो उनकी उम्र बढ़ गई (इसके परिणामस्वरूप, उनके दिल सख्त हो गए)" (सूरा ए हदीद: 16)।
सफीना तुल बिहार, भाग 2, पेज 176