हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफ़सीर; इत्रे क़ुरआन: तफ़सीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَلَكُمْ فِي الْقِصَاصِ حَيَاةٌ يَا أُولِي الْأَلْبَابِ لَعَلَّكُمْ تَتَّقُونَ वालकुम फिल क़िसासे हयातुन या ऊलिल अलबाबे लाअल्लकुम तत्तक़ून (बकरा 179)
अनुवाद: हे बुद्धिमान लोगों! तुम्हारे लिये प्रतिशोध के नियम में जीवन है, अर्थात् जीवन के बदले जीवन, ताकि तुम (रक्तपात) से बच सको।
क़ुरआन की तफ़सीर:
1️⃣ क़िसास का क़ानून और उसका जारी होना इस्लामी समाज की जीवनधारा है।
2️⃣ लोगों को हत्या करने से रोकने के लिए क़िसास एक महत्वपूर्ण और बुनियादी कारक है।
3️⃣ शुद्ध बुद्धि वाले लोगों में क़िसास के दर्शन को समझने की ऊर्जा होती है।
4️⃣ व्यक्तिगत समीचीनता पर सामाजिक समीचीनता को प्राथमिकता दी जाती है।
5️⃣ प्रतिशोध के अधिकार को क्षमा करना तब महत्वपूर्ण है जब प्रतिशोध के कानून का ज्ञान समाज से गायब न हो जाए।
6️⃣ मूल क़ानून क़िसास है और माफ़ी उसका सहायक उपवाक्य है।
7️⃣ इंसान के सांसारिक जीवन की कीमत परहेजगारी अपनाने से है।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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