۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने एक रिवायत में जुमआ का दिन बाकी तमाम दिनों में फर्क की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "जामिय अलआहादीस" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الباقر علیه السلام

ألخَـيرُ وَ الشَّـرُّ يُضاعَفُ يَوْمَ الجُمُعَةِ

हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने फरमाया:

जुमआ के दिन नेकी और बुराई दो बराबर हो जाती है यानी नेकी और बुराई की जज़ा और सज़ा दोनों दो बराबर हो जाती हैं।

जामिय अलआहादीस,पेंज 156

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