हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्नद इमाम रज़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیه السلام
اَلَّذينَ اِذا اَحْسَنُوا اسْتَبْشَرُوا، وَاِذا اَساؤُوا اسْتَغْفَرُوا، وَ اِذا اُعْطُوا شَكَرُوا، وَ اِذَا ابْتَلَوْا صَبَرُوا، وَ اِذا غَضِبُوا عَفَوا
हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम फरमाया:
अल्लाह ताला के नेक बंदे वह है जो जब नेकी करते हैं तो खुश होते हैं और जब बुराई का इरतेकाब करते हैं तो इस्तेगफार करते हैं जब इन्हें कोई चीज़ दी जाती है तो शुक्र अदा करते हैं और जब किसी मुसीबत में मुबतेला होते हैं तो सब्र करते हैं और जब वह क्रोधित होते हैं, तो वह क्षमा कर देते हैं।
मुस्नद इमाम रज़ा अ.स. भाग 1,पेंज 284
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