۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने एक रिवायत में जुमआ का दिन बाकी तमाम दिनों में फर्क की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "जामिय अलआहादीस" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الباقر علیه السلام

ألخَـيرُ وَ الشَّـرُّ يُضاعَفُ يَوْمَ الجُمُعَةِ

हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने फरमाया:

जुमआ के दिन नेकी और बुराई दो बराबर हो जाती है यानी नेकी और बुराई की जज़ा और सज़ा दोनों दो बराबर हो जाती हैं।

जामिय अलआहादीस,पेंज 156

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .