हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "जामिय अलआहादीस" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیه السلام
ألخَـيرُ وَ الشَّـرُّ يُضاعَفُ يَوْمَ الجُمُعَةِ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. ने फरमाया:
जुमआ के दिन नेकी और बुराई दो बराबर हो जाती है यानी नेकी और बुराई की जज़ा और सज़ा दोनों दो बराबर हो जाती हैं।
जामिय अलआहादीस,पेंज 156