हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जुमआ के खुत्बे में मौलाना मोहम्मद मेराज रन्नावी ने माहे मुबारक रजब की अहमियत और उसके आमाल और फजीलत को बयांन करने के साथ-साथ हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अ.स. के जीवनी पर नज़र डाली,
उन्होंने फरमाया कि अल्लाह तआला ने अपने प्रिय हज़रत मोहम्मद स.ल.व.व. का नाम अपने नाम पर रखा हैं।
उसी तरह अचूकता की पंक्ति में सातवें व्यक्ति और मुहम्मद बाकिर अ.स. से पहले इमामत के पांचवें सदस्य जो उनका जन्म 57 हिजरी में हुआ था उनका नाम भी मुहम्मद रखा गया था उन्होंने खुद यह नाम चुना जो मुहम्मद बाकिर की भविष्यवाणी और अचूकता के आध्यात्मिक और स्वर्गीय संबंध की स्पष्ट घोषणा हैं। यह नाम अल्लाह की तरफ से आसमानी हैं।
जुमआ के खुतबे के अंत में उन्होंने इमाम मोहम्मद स.ल. के शिक्षा प्रतिक्षण पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि इमाम ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से दुनिया में रोशनी फैलाई और अंधकार को दूर किया, और इमाम के करामात और मोजिज़ा को भी बयान किए
अंत में मौलाना ने मौजूद लोगों के लिए दुआ कराई और दुनिया में सुख और शांति के लिए भी दुआ की गई।