हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "कंजुल उम्माल" पुस्तक से ली गई है। इस हदीस का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:
مَنِ اعتَكَفَ إيمانا وَ احتِسابا غُفِرَ لَهُ ما تَقَدَّمَ مِن ذَنبِهِ
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
जो शख्स ईमान से लबरेज है और ईश्वरीय इनाम पाने के लिए एतेकाफ में बैठता है, उसके पिछले सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।
कंज़ुल उम्मल, हदीस 24007