हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "फज़ायल अलअशहर अलसलासह" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ
من قام لیلة القدر ايمانا واحتسابا، غفرله ما تقدم من ذنبه
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जो इमान के साथ और सवाबे इलाही तक पहुंचाने के लिए शबे क़द्र को इबादत में गुज़ारे तो उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे।
फज़ायल अलअशहर अलसलासह,पेंज 136