शुक्रवार 6 सितंबर 2024 - 18:56
जिन्दा और जावेद रहने का तरीका

हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में जिन्दा और जावेद रहने के तरीके को बयान किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कंज़ुल फवायद" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیرالمؤمنين عليه السلام

لَمْ يَمُتْ مَنْ تَرَكَ اَفْعالاً يُقْتَدى بِهِ مِنَ الْخَيْر

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

जो अपने पीछे ऐसे अच्छे काम छोडे कि दूसरे जिसकी पैरवी करें वह हरगिज़ नहीं मारता हैं(वह जिंदा और जावेद रहता है)

कंज़ुल फवायद,भाग 1,पेज 349

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