हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलखिसाल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
ثَلاثَةٌ لا عُذرَ لِأحَدٍ فيها: أداءُ الأمانَةِ إلَى البَرِّ و الفاجِرِ ، و الوَفاءُ بِالعَهدِ لِلبَرِّ و الفاجِرِ، و بِرُّ الوالِدَينِ بَرَّينِ كانا أو فاجِرَينِ
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तीन चीज़ ऐसी है कि जिनके बारे में इमाम ने फरमाया कबीले कबूल नहीं:
1) साहिब अमानत को अमानत पलटना चाहे वह नेक हो या बुरा,
(2)किसी से किया हुआ वादा पूरा करना, चाहे अच्छा हो या बुरा
(3)अपने माता-पिता के प्रति अच्छा व्यवहार करना, चाहे वे अच्छे हों या बुरे।
अलखिसाल,123/118