हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیه السلام:
ثَلاثٌ لَم يَجعَلِ اللّهُ (عزّ وجلّ) لأحدٍ فيهِنّ رُخصَةً: أدَاءُ الأمانَةِ إلى البَرِّ وَ الفاجِرِ، وَ الوفَاءُ بالعَهدِ لِلبَرِّ وَ الفاجِرِ، وَ بِرُّ الوالِدَينِ بَرَّينِ كانَا أو فاجرین.
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
ऐसी तीन चीज़ें हैं जिन्हें अल्लाह तआला ने किसी को भी छोड़ने की इजाज़त नहीं दी है, और वे तीन चीज़ें हैं:
1. किसी नेक या दुष्ट व्यक्ति को अमानत लौटाना
2. किसी नेक या दुष्ट व्यक्ति के साथ किया गया वादा और समझौता निभाना
3. और अपने माता-पिता के साथ अच्छा व्यवहार करना, चाहे वे नेक हों या दुष्ट ।
बिहार उल-अनवार, भाग 74, पेज 56
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