हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शहर के हजरतगंज, विक्टोरिया स्ट्रीट, नूरबाड़ी, हसनपुरिया, बुनियादबाद, सरफराजगंज, मौला नगरी, कश्मीरी मुहल्ला व मुफ्तीगंज सहित अन्य इलाकों में सबील लगाकर लोगों तक इमाम का पैगाम पहुंचाया गया,
तो इन सबीलों पर पूड़ी-सब्जी, छोला-चावल के साथ मिठाईयां, शरबत व आइसक्रीम बांटी गई वहीं, घरों में दस्तरख्वान सजाकर इमाम की नज्र दिलाई गई। महिलाओं ने खीर सहित तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पकाए शिया समुदाय के लोगों ने नए कपड़े पहने,
फिर एक दूसरे के घर जाकर इमाम की नज्र चखी देर रात तक घरों में लोगों के आने जाने का सिलसिला जारी रहा इसी तरह शहर के इमामबाड़ा शाहनजफ, इमामबाड़ा आगाबाकर, शबीह-ए-नजफ, कर्बला इमदाद हुसैन खां व रौजा-ए-काजमैन में पूरी रात जश्न का सिलसिला जारी रहा,
सदियों के इंतजार का ऐसा सिला दिया, दोनों जहां का सर मेरी जानिब झुका दिया। 13 रजब अली से यह बोला खुदा का घर, किबला मुझे तो आप ने काबा बना दिया। इमाम की विलादत पर हर तरफ जश्न का सिलसिला जारी रहा भव्य आतिशबाजी के साथ महफिल का आगाज किया गया।
महफिल का आगाज कारी नदीम नजफी ने कुरआन शरीफ की तिलावत से किया इसके बाद मौलाना अब्बास इरशाद व मौलाना मुतक्की जैदी ने महफिल को खिताब कर इमाम की फजीलत बयांन की महफिल की सदारत मौलाना मिर्जा मुहम्मद अशफाक व संचालन नैयर मजीदी ने किया इस मौके पर बड़ी संख्या में मोमिनीन उपस्थित हुए