हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यमन की सर्वोच्च राजनैतिक परिषद के सदस्य मुहम्मद अली अलहौसी ने कहा कि अगर अमरीका ख़ुद को अधिक नुक़सान से बचाना चाहता है तो उसे चाहिए कि यमन की जनत को धमकाने और उस पर हमले करने से बाज़ आ जाए।
मुहम्मद अली अलहौसी ने कहा कि अगर अमरीका चाहता है कि लाल सागर में उसके जहाज़ सुरक्षित रहें और उसकी छवि ध्वस्त न हो तो उसे चाहिए कि ज़ायोनी शासन को ग़ज़ा की नाकाबंदी और ग़ज़ा पर हमले समाप्त करने के लिए तैयार करे।
उन्होंने कहा कि यमनी फ़ोर्सेज़ पूरे अस्तित्व से ग़ज़ा के समर्थन के लिए तैयार हैं और अमरीका या इस्राईल की धमकियों से लाल लागर में हमलावर गठबंधन के जहाज़ों पर हमले बंद नहीं होंगे।
राजनैतिक परिषद के एक अन्य सदस्य मुहम्मद बुख़ैती ने कहा कि यमन की जनता और फ़ोर्सेज़ को लाल सागर में अमरीकी एलायंस और उनके मिसाइलों का कोई डर नहीं है और हम फ़िलिस्तीन की जनता और रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के समर्थन के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि अमरीकी जहाज़ के क़रीब एक ब्रितानी युद्धपोत को हमने सीधे तौर पर निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि जब तक ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी शासन के हमले रुक नहीं जाते इस्राईल जाने वाले जहाज़ों पर लाल सागर में हमले होते रहेंगे।
अलबुख़ैती ने कहा कि हमारी आरज़ू अमरीका से आमने सामने की लड़ाई है।
ज्ञात रहे कि सेंटकाम ने भी कहा है कि रविवार की सुबह यमन की सेना ने लाल सागर में एक जहाज़ को निशाना बनाया है।
सेंटकाम ने बताया कि इस हमले से जहाज़ में बड़े पैमाने पर आग लग गई जिसे अमरीकी, भारतीय और फ़्रांसीसी नौसेनाओं की मदद से क़ाबू में किया गया।
मैरीटाइम सुरक्षा कंपनी अम्बरी का कहना है कि शुक्रवार की रात को भी एक जहाज़ पर हमला हुआ जिसके बाद उसमें आग लग गई।