۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
ईरान

हौज़ा/ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने कतर की राजधानी दोहा में हमास आंदोलन की सैन्य शाखा के प्रमुख इस्माईल हानियेह के साथ एक बैठक में फिलिस्तीनी लोगों को उनके प्रतिरोध, धैर्य और जीत के लिए बधाई दी और कहा दुनिया तूफाने अलअक्सा के नतीजों से हिल गई

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने कतर की राजधानी दोहा में हमास आंदोलन की सैन्य शाखा के प्रमुख इस्माईल हानियेह के साथ एक बैठक में फिलिस्तीनी लोगों को उनके प्रतिरोध, धैर्य और जीत के लिए बधाई दी और कहा दुनिया तूफाने अलअक्सा के नतीजों से हिल गई

उन्होंने कहा कि शक इसके बाद ग़ज़ा पट्टी में बहुत बड़े पैमाने पर जानी व माली नुक़सान हुआ जो बहुत पीड़ादायक था लेकिन फ़िलिस्तीनी जनता की विजय के आयाम बहुत व्यापक और रणनैतिक समीकरण पूरी तरह फ़िलिस्तीनी जनता के पक्ष में हो गए।

विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री नेतनयाहू के उस एलान को याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि सैनिक आप्रेशन से वे ग़ज़ा में रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ को ख़त्म कर देंगे और क़ैदियों को रिहा करवाएंगे, विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि अमरीका और ज़ायोनी शासन को इस पूरे युद्ध में कोई कामयाबी नहीं मिली और उन्हें हमास से बात करने और संघर्ष विराम तथा क़ैदियों के तबादले पर मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि सभी का मूल्यांकन यही है कि अमरीका और इस्राईल को लड़ाई के मैदान में कुछ भी हासिल नहीं हुआ, अब वे इस कोशिश में हैं कि लड़ाई में जो हासिल नहीं कर सके उसे वार्ता की मेज़ पर और कूटनैतिक हथकंडों से हासिल करें मगर यह भी उनका सपना है जो कभी पूरा नहीं होगा।

अमीर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि हमास और फ़िलिस्तीनी संगठनों की रेज़िस्टेंस की कूटनीति दुशमन की सारी साज़िशों पर पानी फेर देगी।

इस मुलाक़ात में हमास आंदोलन की राजनैतिक शाखा के प्रमुख इस्माईल हनीया ने ईरान के सुप्रीम लीडर, राष्ट्रपति, सरकार और जनता की ओर से फ़िलिस्तीन और फ़िलिस्तीनियों के भरपूर समर्थन की सराहना की और संघर्ष विराम के बारे में विस्तार से बताया।

हनीया ने लेबनान, यमन, इराक़ और सीरिया में प्रतिरोध मोर्चे से जुड़ी फ़ोर्सेज़ की कार्यवाहियों की प्रशंसा की और कहा कि ग़ज़ा की जनता के लिए बड़े गर्व की बात थी और इससे ज़ायोनी शासन और अमरीका को बहुत स्पष्ट संदेश गया।

इसमाईल हनीया ने ग़ज़ा की जनता के ख़िलाफ़ युद्ध में ज़ायोनी शासन के युद्ध अपराधों के बारे में बताया और कहा कि अमरीका शुरू में तो संघर्ष विराम का विरोध कर रहा था लेकिन जब उसे युद्ध की ज़मीनी सच्चाइयों का पता चला तो आख़िरकार फ़िलिस्तीनी जनता के इरादे के सामने झुकने पर मजबूर हो गया।

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