हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अमरीका की सेना की सेंट्रल कमांड ने कहा है कि यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने संभावित रूप से अमरीकी झंडे के साथ सफ़र करने वाले टैंकर को मिसाइल का निशाना बनाया है।
अंसारुल्लाह आंदोलन लाल सागर मे उन इस्राईली और इस्राईल जाने वाले जहाज़ों को निशाना बना रहा है जबकि इस बीच अमरीका और ब्रिटेन ने यमन पर हमले किए जिसके बाद यमनी फ़ोर्सेज़ ने अमरीकी और ब्रिटिश जहाज़ों पर भी हमले शुरू कर दिए हैं।
पिछले सप्ताह अंसारुल्लाह ने औपचारिक चेतावनी जारी की और शिपिंग कंपनियों और बीमा कंपनियों से कहा कि इस्राईल, अमरीका और ब्रिटेन से जुड़ा कोई भी सफ़र पूरा करने के लिए लाल सागर का प्रयोग करने से बचे।
अंसारुल्लाह ने गत 24 फ़रवरी को जिस अमरीकी टैंकर को निशाना बनाया वह संकट के हालात में अमरीकी सैनिको के लिए तेल की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जता है जिस अमरीकी जहाज़ को अंसारुल्लाह ने निशाना बनाया उसके साथ अमरीकी नौसेना के युद्धपोत भी चल रहे थे।
इस बीच गत 18 फ़रवरी को अंसारुल्लाह के हमले का निशाना बनने वाला जहाज़ रूबीमार उसी जगह पर खड़ा है जहां उसे निशाना बनाया गया। दूसरा जहाज़ उसके मिसाइल लगने से बन जाने वाले बड़े सूराख़ को भरने की कोशिश कर रहा है जिसके बाद इसे संभावित रूप से सऊदी अरब के तट की ओर ले जाया जाएगा। जिबूती और अदन की बंदरगाह ने इस जहाज़ को अपने यहा लाने से मना कर दिया है।