۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
रहबर

हौज़ा/इंक़ेलाब ए इस्लामी के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार को क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डियाज़ कैनल और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की इस मौक़े पर उन्होंने दोनों मुल्कों के बीच राजनैतिक व आर्थिक मैदान में मौजूद अपार क्षमताओं व संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन सलाहियतों और संभावनाओं को अमरीका और पश्चिम की मुंहज़ोरी से निपटने के लिए समान स्टैंड रखने वाले मुल्कों का एक अलायंस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इंक़ेलाब ए इस्लामी  के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार को क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डियाज़ कैनल और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की इस मौक़े पर उन्होंने दोनों मुल्कों के बीच राजनैतिक व आर्थिक मैदान में मौजूद अपार क्षमताओं व संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन सलाहियतों और संभावनाओं को अमरीका और पश्चिम की मुंहज़ोरी से निपटने के लिए समान स्टैंड रखने वाले मुल्कों का एक अलायंस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह अलायंस आर्थिक सहयोग को केन्द्र में रखकर फ़िलिस्तीन के मसले जैसे अहम वैश्विक मुद्दों के बारे में संयुक्त व प्रभावी स्टैंड ले सकता है।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने फ़िलिस्तीन के मसले पर कहा कि यह मसला सिर्फ़ ग़ज़ा के हालिया वाक़यात और बमबारियों तक सीमित नहीं है क्योंकि फ़िलिस्तीन के अवाम पिछले 75 साल से लगातार यातनाओं, मुश्किलों और क़त्ले आम का सामना कर रहे हैं लेकिन इस वक़्त ग़ज़ा में त्रास्दी इतनी बड़ी है कि सच्चाई विश्व जनमत के सामने ज़ाहिर हो गयी और उसे छिपाना मुमकिन नहीं है।

उन्होंने वैश्विक मुद्दों ख़ास तौर पर फ़िलिस्तीन के मसले पर क्यूबा के राष्ट्रपति के स्टैंड को इस्लामी गणराज्य ईरान के स्टैंड जैसा ही बताया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में दोनों मुल्कों के बीच सहयोग की ओर इशारा करते हुए कहा कि वैज्ञानिक सहयोग सहित मुख़्तलिफ़ क्षेत्रों में दोनों मुल्कों के संबंध पहले से ज़्यादा मज़बूत होने चाहिए और हमें उम्मीद है कि चूंकि राष्ट्रपति श्री रईसी की सरकार काम और मेहनत करने वाली सरकार है इसलिए समझौते आगे बढ़कर व्यहारिक चरण तक पहुंच जाएंगे।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क्यूबा के पूर्व नेता फ़िडेल कैस्ट्रो से अपनी 22 साल पहले की मुलाक़ात का ज़िक्र करते हुए कहा कि क्यूबा के इंक़ेलाब और जनाब कैस्ट्रो की शख़्सियत में, इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी से पहले ही ईरान के इंक़ेलाबियों के लिए हमेशा ख़ास आकर्षण रहा है और इसकी वजह उनकी सच्चाई और उनका सच्चा इंक़ेलाबी स्टैंड था।

उन्होंने बल दिया कि इंक़ेलाबी सच्चाई, इंक़ेलाबी दृढ़ता और इंक़ेलाबी संकल्प क्यूबा के इंक़ेलाब और ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब के संयुक्त बिन्दु हैं।

इस मुलाक़ात में, जिसमें राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहीम रईसी भी मौजूद थे, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डियाज़ कैनल ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए उनकी बातों और स्टैंड को क्यूबा की सरकार के स्टैंड जैसा बताया और कहा कि इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद ईरान और क्यूबा के संबंध सही दिशा में बढ़ रहे हैं और हमने तेहरान में अपनी बातचीत के दौरान, इन संबंधों को मज़बूत बनाने ख़ास तौर पर आर्थिक व व्यापारिक मैदानों में सहयोग को मज़बूत करने पर पूरी कोशिश केन्द्रित कर रखी है। 

उन्होंने बल दिया कि ईरान और क्यूबा मुख़्तलिफ़ मैदानों ख़ास तौर पर अमरीका और उसके घटकों की हस्तक्षेपपूर्ण कार्यवाहियों और पाबंदियों का मुक़ाबला करने में एक दूसरे के मददगार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान और क्यूबा इसी तरह अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के तहत आपसी संबंधों को पहले से ज़्यादा बढ़ावा देकर फ़िलिस्तीन के मसले जैसे अहम वैश्विक मुद्दों में प्रभावी रोल अदा कर सकते हैं।

श्री मिगेल डियाज़ कैनल ने फ़िलिस्तीन और ग़जा के हालात के बारे में कहा कि जो कुछ आज ग़ज़ा में हो रहा है वो नस्ली सफ़ाया है जो अस्वीकार्य है और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने ग़ज़ा के दसियों हज़ार लोगों के क़त्ले आम पर, जिनमें दो तिहाई बच्चे और औरतें हैं, अपनी आँखें बंद कर ली हैं। उन्होंने कहा कि हैरत की बात है कि जो लोग युक्रेन और रूस की जंग में आम लोगों के क़त्ले आम की मुसलसल शिकायत करते थे, उन्होंने अब ग़ज़ा में दसियों हज़ार लोगों के क़त्ले आम पर पूरी तरह से ख़ामोशी अख़्तियार कर ली है और यह चीज़ दुनिया की बुरी स्थिति को दर्शाती है।

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