हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ़ुल उक़ूल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیه السلام
إِنَّ مِنْ أَخْلاَقِ اَلْمُؤْمِنِ اَلْإِنْفَاقَ عَلَى قَدْرِ اَلْإِقْتَارِ وَ اَلتَّوَسُّعَ عَلَى قَدْرِ اَلتَّوَسُّعِ وَ إِنْصَافَ اَلنَّاسِ مِنْ نَفْسِهِ وَ اِبْتِدَاءَهُ إِيَّاهُمْ بِالسَّلاَمِ.
हज़रत इमाम सज्जाद (अ) ने फ़रमाया:
मोमिन की अख़्लाक़ी खुसूसियत मे से एक यह हैं,कि वह ज़िन्दगी के सख्त हालात में भी अपनी क्षमता के अनुसार इंफ़ाक़ करता है और जिंदगी मे
कठिन परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता के अनुसार सख़ावत करता है और लोगों के दरमियान न्याय से काम लेता है और लोगों को सलाम करने में पहल करता हैं।
तोहफ़ुल उक़ूल, भाग 2, पेज 282