हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,फिलिस्तीन के समर्थन में इस्राईल और फिर अमेरिका ब्रिटेन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले यमन ने ऐलान किया है कि वह हम अमेरिका और ब्रिटेन के अतिक्रमणकारी हमलो के जवाब में अपने अभियान का दायरा बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
अंसारुल्लाह के प्रमुख सय्यद अब्दुल मलिक बद्रुद दीन अल-हौसी ने कहा कि ज़ायोनी आक्रमण के कारण फ़िलिस्तीन के हालात बहुत खतरनाक है, स्वास्थ्य की स्थिति बहुत गंभीर है ज़ायोनी सरकार को ग़ज़्ज़ा में अपना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है, इसीलिए वह और क्रूरता से हमले कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों की प्रतिरोध के कारण इस्राईल को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ रहा है। इलियट बंदरगाह के बंद होने से इस्राईल की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। बंदरगाह पर काम करने वाले आधे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। ज़ायोनी वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि अंसारुल्लाह ने पिछले सप्ताह के दौरान 18 बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जबकि हमलों की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 479 मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए हैं।
अब्दुल मलिक अल-हौसी ने कहा कि अमेरिका हमारे हमलों को रोकने के लिए दबाव बढ़ा रहा है, लेकिन हम भविष्य में और बड़े पैमाने पर हमले करेंगे। हम आगे के कई और विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ज़ायोनी नरसंहार का समर्थन करने वालों को ग़ज़्ज़ा में हो रहे नरसंहार और यमनियों पर हुए अत्याचार दिखाई नहीं देते। हम यमनी लोगों के खून और जीवन की रक्षा करेंगे।