हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सय्यद शाबान बुखारी को दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के नए शाही इमाम के रूप मे ताज पहनाया गया है। यह प्रक्रिया शबे बरात के मौके पर की गई। इस अवसर पर जामिया मस्जिद के सहन मे आयोजित एक प्रतिष्ठित बैठक में देश-विदेश की प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया।
शाही इमाम का पद संभालने से पहले सय्यद शाबान बुखारी नायब शाही इमाम के कर्तव्यों का पदभार संभाल रहे थे। उनके पिता सययद अहमद बुखारी ने पहले ही उनके शाही इमाम पद पर आसीन होने की घोषणा कर दी थी और इसके लिए 25 फरवरी (शब-ए-बारात) का दिन तय किया गया था। ताजपोशी के लिए आयोजित सभा मे सय्यद अहमद बुखारी ने अपने बेटे को शाही इमाम का पद सौंपते हुए और अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते हुए कहा, ''जामिया मस्जिद दिल्ली की यह परंपरा रही है कि इमाम अपने जीवनकाल मे अपने बेटे को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते है। "
सय्यद अहमद बुखारी ने कहा कि "मै इमामत कार्यालय की लगभग 400 साल पुरानी परंपरा को बनाए रखते हुए विद्वानों, मुफ्तियों, मशाइखों, मुसलमानों और शहर के बुजुर्गों की उपस्थिति में अपने बेटे सययद शाबान बुखारी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर रहा हूं।" अल्लाह सययद शाबान बुखारी को परिवार की परंपरा का संरक्षक बनायें।”
कहा जाता है कि इस मस्जिद के निर्माण के बाद बादशाह शाहजहाँ ने बुखारा (अब उज्बेकिस्तान) के राजा से इमामत के लिए एक धार्मिक विद्वान भेजने को कहा था। बुखारा के राजा ने सय्यद अब्दुल गफूर शाह बुखारी को दिल्ली भेजा, 24 मई 1656 को उन्हें जामा मस्जिद का इमाम नियुक्त किया गया। इसके बाद शाहजहाँ ने उन्हें शाही इमाम की उपाधि दी, जो आज भी प्रचलित है।