हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام علی ابن موسی الرضا علیه السلام
لَيسَ مِنّا مَن تَرَكَ دُنياهُ لِدِينِهِ و دِينَهُ لِدُنياهُ؛
हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
वह हम में से नहीं है जो अपनी दुनिया को अपने दीन और अपने दीन को अपनी दुनिया की वजह से तर्क कर दे।
बिहारूल अनवार,भाग 78,पेज 346