۳۱ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۲ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 20, 2024
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हौज़ा / रोज़े की हालत में आंख में दवा डालना और सुरमा लगाना जबकि उसका मज़ा या बू हल्क तक पहुंचे तो मकरूह हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : रोज़े की हालत में आंख में दवा डालना और सुरमा लगाना कैसा हैं?

उत्तर: रोज़े की हालत में आंख में दवा डालना और सुरमा लगाना जबकि उसका मज़ा या बू हल्क तक पहुंचे तो मकरूह हैं।

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