हौज़ा न्यूज़ एजेंसी |
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
كُنتُمْ خَيْرَ أُمَّةٍ أُخْرِجَتْ لِلنَّاسِ تَأْمُرُونَ بِالْمَعْرُوفِ وَتَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنكَرِ وَتُؤْمِنُونَ بِاللَّهِ ۗ وَلَوْ آمَنَ أَهْلُ الْكِتَابِ لَكَانَ خَيْرًا لَّهُم ۚ مِّنْهُمُ الْمُؤْمِنُونَ وَأَكْثَرُهُمُ الْفَاسِقُونَ कुंतुम ख़ैरा उम्मतिन उखरेजत लिन्नासे तामोरूना बिल मारूफ़े व तनहौना अनिल मुनकरे व तूमेनूना बिल्लाहे वलौ आमना अहलुल किताबे लकाना खैरल लहुम मिनहुमुल मोमेनूना व अकसरोहोमुल फ़ासेक़ून (आले इमरान, 110)
अनुवाद: आप बेहतरीन उम्मत हैं जो लोगों (के मार्गदर्शन) के लिए बनाई गई है। आप अच्छे कामों का आदेश देते हैं और बुरे कामों से रोकते हैं। और तुम अल्लाह पर विश्वास करते हो। और यदि अहले किताब ईमान लाते तो उनके लिए अच्छा होता। उनमें से कुछ तो ईमान लाये, परन्तु उनमें से बहुत से अपराधी हैं।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ मुसलमान मानवता की सेवा करने के लिए सबसे अच्छे उम्मत हैं, बशर्ते वे अच्छाई का आदेश दें और बुराई से रोकें और अल्लाह पर विश्वास करें।
2️⃣ इस्लाम एक सार्वभौमिक धर्म है।
3️⃣ अल्लाह पर विश्वास और समाज में सुधार दो ऐसे कारक हैं जो मानव समाज के विकास और वृद्धि का कारण हैं।
4️⃣ भलाई की आज्ञा देना और उसका निषेध करना इस्लामी समाज के विकास के लिए एक सामान्य जिम्मेदारी घोषित की गई है।
5️⃣ मानव समाज को सुधारना इस्लामी समाज की जिम्मेदारी है।
6️⃣ मानव समाज का सुधार एक आदर्श इस्लामी समाज का सामान्य लक्ष्य है।
7️⃣ धर्मों के उद्भव का दर्शन मानव समाज का सुधार है।
8️⃣ इस्लाम ने पिछले धर्मों को रद्द कर दिया।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान