हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
فَتَقَبَّلَهَا رَبُّهَا بِقَبُولٍ حَسَنٍ وَأَنبَتَهَا نَبَاتًا حَسَنًا وَكَفَّلَهَا زَكَرِيَّا ۖ كُلَّمَا دَخَلَ عَلَيْهَا زَكَرِيَّا الْمِحْرَابَ وَجَدَ عِندَهَا رِزْقًا ۖ قَالَ يَا مَرْيَمُ أَنَّىٰ لَكِ هَـٰذَا ۖ قَالَتْ هُوَ مِنْ عِندِ اللَّـهِ ۖ إِنَّ اللَّـهَ يَرْزُقُ مَن يَشَاءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ फ़तक़ब्बलाहा रब्बोहा बेक़ुबूलिन हसानिन व अमबतहा नबातन हसानन वा कफ़्फ़लहा ज़करीयन कुल्लमा दखला अलैहा ज़करिय्यल मेहराबा वजदा इंदहा रिज़कन क़ाला या मरयमो अन्ना लके हाज़ा क़ालत होवा मिन इंदिल्लाहे इन्नल्लाहा यरज़ोक़ो मय यशाओ बेग़ैरिन हिसाब (आले- इमरान, 37)
अनुवाद: तो उसके रब ने इस लड़की (मरियम) को अच्छी तरह से स्वीकार कर लिया। और इसके विकास का अच्छे से प्रबंधन किया (यानि) हजरत ज़कारिया को इसका प्रायोजक (और संरक्षक) बनाया। जब भी ज़कारिया इबादत के मिहराब में उसके (मैरी) के पास आते, तो उसके साथ खाने के लिए कुछ न कुछ ढूंढ लेता। (और) पूछते: हे मरियम! यह आपके पास कहां से आया? वह जवाब देती यह ईश्वर से ओर से आता है। वास्तव में, ईश्वर जिसे चाहता है, असीमित जीविका देता है।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ हज़रत मरियम के आध्यात्मिक प्रशिक्षण और पूर्णता पर ईश्वर की विशेष कृपा और ध्यान था।
2️⃣ कुछ लोगों पर अल्लाह ताला की विशेष कृपा और ध्यान ही उनकी विशेष उन्नति और महानता का कारण होता है।
3️⃣ बन्दों द्वारा सच्ची नियत से की गई दुआ का स्वीकार होना अल्लाह तआला की प्रभुता का प्रकटीकरण है।
4️⃣ अल्लाह ताला की छत्रछाया में मनुष्य की छिपी हुई क्षमताओं का विकास और सुधार।
5️⃣ मनुष्य को अपने आध्यात्मिक विकास और उन्नति के लिए शैतान की बुराई से बचने के लिए अल्लाह तआला की शरण की आवश्यकता है।
6️⃣ मानव प्रशिक्षण के लिए क्षमताओं को उजागर करना और विकास की आपदाओं को दूर करना आवश्यक है।
7️⃣ ईश्वर की कृपा, अच्छी शिक्षा, ईश्वर की पूजा और सही भोजन ही वे कारक और कारण हैं जो मनुष्य की आध्यात्मिक उन्नति और विकास में प्रभावी हैं।
8️⃣ मनुष्य के आध्यात्मिक विकास एवं उत्थान में एक अच्छे प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक की भूमिका।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान