हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
جالِسِ الْعُلَماءَ يَزْدَدْ عِلْمُكَ وَيَحْسُنْ اَدَبُكَ وتَزكُ نَفسُكَ
हज़रत इमाम अली अ.स.ने फरमाया:
उलेमा की संगत (सोहबत) अख्तियार करो ताकि तुम्हारा इल्म ज़्यादा अख्लाक अच्छा और नफ्स पाक व पाक़ीज़ा हो जाए
गेरारूल हिकम,4786