۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम अली अ.स.ने एक रिवायत में जीवन में वर्तमान दिन के महत्व और इसे एक ख़ज़ाने के रूप में सलाह दी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "गेरारूल हिकम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیر المؤمنين علیہ السلام

إنَّ ماضی یَومِكَ مُنتَقِلٌ و باقیهِ مُتّهمٌ فَاغتَنِمْ وَقتَكَ بِالعَمَلِ!

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

कल गुज़र गया और आने वाले दिन का भी ऐतबार नहीं,इसलिए अपने आज को नेक और अच्छे आमाल अंजाम देने के साथ ग़नीमत हिसाब करो,

गेरारूल हिकम, 3461

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