हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين علیه السلام
المؤمنُ على أيِّ حالٍ ماتَ، و في أيِّ ساعَةٍ قُبِضَ، فهُو شَهيدٌ.
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मोमिन को जिस हालत में भी मौत आए और जिस घड़ी इसकी रूह कब्ज़ हो शाहिद हैं।
बिहारूल अनवार, भाग 68,पेंज 140,हदीस 82