हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
قَلبُ شَهرِ رَمَضانَ لَيلَةُ القَدرِ
हज़रत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
माहे रमज़ान उल मुबारक का दिल(शबे कद्र)हैं।
बिहारूल अनवार,भाग 58,पेंज 376