हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने न्यायपालिका के प्रमुख और कुछ अधिकारियों से मुलाकात की इस नुलाकात के दौरान उन्होंने अपने ख़िताब में न्यायपालिका विभाग के शहीदों आयतुल्लाह बहिश्ती और उनके साथियों इसी तरह राष्ट्रपति आयतुल्लाह रईसी को श्रद्धांजलि पेश की जिनका न्यायपालिका में भी उज्जवल अतीत रहा है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस विभाग के आदरणीय प्रमुख, आला अधिकारियों, जजों और दूसरे अधिकारियों का दिल से शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि क़ुरआन मजीद और दूसरे इस्लामी स्रोतों में न्याय व इंसाफ़ की तरह किसी दूसरे विषय पर इतनी ताकीद नहीं की गयी है, बहादुरी को न्याय क़ायम करने की अनिवार्य शर्त क़रार दिया और कहा कि इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के बक़ौल न्यायपालिका को इस तरह काम करना चाहिए कि दुश्मन अपने आपको ज़ुल्म से सुरक्षित समझें और क़रीबी दोस्तों को पक्षपात की उम्मीद न रहे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने न्यायपालिका को सही प्रोग्रामों के साथ आगे बढ़ाने और इस विभाग में बदलाव के दस्तावेज़ों पर अमल की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि इन दस्तावेज़ों को इस तरह से लागू किया जाए कि वो न्यायपालिका के मुख्य इंडिकेटर्ज़ पर भरपूर प्रभाव डालें।
जजों की ओर से पश्चिम के मानवाधिकार के मानदंडों के बजाए मुल्क के आंतरिक क़ानूनों पर ध्यान दिया जाना और न्यायपालिका प्रमुख के ज़मीनी स्तर पर मोआइने का सिलसिला जारी रहना और उन मुआयनों के दौरान किए गए उम्मीद पैदा करने वाले फ़ैसलों को लागू करने पर ध्यान रखना ऐसे दूसरे बिन्दु थे जिन पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अपने ख़ेताब में ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि आप इस तरह से काम कीजिए कि अवाम न्यायपालिका को इंसाफ़ का घर और बिना झिझक सत्य की बहाली का केन्द्र समझें।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ज़ोर देकर कहा कि पश्चिमी ह्यूमन राइट्स के उसूलों की त्रुटियां सारी दुनिया के सामने हैं और उन्हें बुनियाद नहीं बनाना चाहिए।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हिरासत में लिए गए लोगों के मामलों की सुनवाई की रफ़्तार कम होने और इसके नतीजे में लोगों की हिरासत की मुद्दत लंबी होने की ओर से चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह के लोगों का मामला जल्दी तय हो जाना चाहिए ताकि किसी को भी केस की सुनवाई की प्रक्रिया लंबी होने की वजह से जेल की सख़्ती बर्दाश्त न करनी पड़े।
उन्होंने इसी तरह क़र्ज़ की वजह से क़ैद होने वाले कुछ क़ैदियों के मसले की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग अगर अपनी उम्र के आख़िरी हिस्से तक भी जेल में रहें तो उनमें अपना क़र्ज़ अदा करने की क्षमता नहीं होती, इस मुश्किल को हल करना ज़रूरी है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अपने ख़ेताब के आख़िरी हिस्से में राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों को नसीहत करते हुए टीवी पर होने वाले प्रचार की ओर इशारा किया और उनसे कहा कि वो ऐसी बातें न करें जिनसे दुश्मन ख़ुश हो। उन्होंने कहा कि समझा तो यही जाता है कि सारे उम्मीदवार ईरान और इस्लामी गणराज्य को चाहते हैं क्योंकि वो इस सिस्टम और अवाम की सेवा के लिए राष्ट्रपति बनना चाहते हैं।