हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मरजय तकलीद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली ने आज़ादाराने हुसैनी को खिताब करते हुए कहा,कोई अज़ादारी के दस्तूर में बे वुज़ू दाखिल ना हो।
वुज़ू करते हुए नियत करें खुदाया! मैं वुज़ू करता हूं ताकि पाक और पाक़ीज़ा होकर अज़ादारी ए इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम ने दाखिल हो सकूं।
इस मरजय तकलीद ने खोतबा और मुब्लागीन को नसीहत करते हुए कहा,मजालिस हुसैनी अ.स.में मआरिफ के बारे में और जो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के हदफ है उसको बयान किया जाए।
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा जवादी आमोली
ने कहां यह भी सलाह दी उन्हें मुहर्रम के दिनों में रात में अपने बच्चों, पोते-पोतियों और परपोते-पोतियों को कर्बला की कहानी सुनानी चाहिए ताकि वे अपना सारा समय बेकार फिल्में देखने में न बर्बाद करें, उनको इस्लाम और कर्बला के वाक्य सुनना चाहिए।