۳ آبان ۱۴۰۳ |۲۰ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 24, 2024
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हौज़ा / माहे मोहर्रम की दुसरी को नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन और अन्य 71 शहीदों की अज़ीम शहादत की याद में बख्शी बाज़ार इमामबाड़ा नाज़िर हुसैन में मौलाना आमिरुर रिज़वी ने मजलिस को खिताब करते हुए शहादत का ज़िक्र किया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,प्रयागराज। माहे मोहर्रम की पहली को नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन और अन्य 71 शहीदों की अज़ीम शहादत की याद में बख्शी बाज़ार इमामबाड़ा नाज़िर हुसैन में मौलाना आमिरुर रिज़वी ने मजलिस को खिताब करते हुए शहादत का ज़िक्र किया।

चक ज़ीरो रोड स्थित इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन में दस दिवसीय अशरे की पहली मजलिस को मौलाना रज़ी हैदर रिज़वी ने खिताब किया। वहीं इमामबाड़ा सैय्यद मियां घंटा घर में ज़ाकिर-ए-अहलेबैत रज़ा अब्बास जैदी ने मजलिस को खिताब किया और रज़ा इस्माइल सफवी ने मर्सिया पढ़ा।

दरियाबाद अज़ाखाना सैय्यद फरहत अली में पहली मोहर्रम की सालाना मजलिस में रेयाज़ मिर्ज़ा और शुजा मिर्ज़ा ने पुरदर्द मर्सिया पढ़ा, जबकि ज़ाकिरे अहलेबैत अशरफ अब्बास खां ने मजलिस को खिताब किया बाद मजलिस इमाम हुसैन के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह निकाली गई, जिस पर लोगों ने अक़ीदत के फूल चढ़ा कर मन्नतें मांगीं।

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