۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
मजलिस

हौज़ा/मौलाना हिलाल अब्बास मजलिस को संबोधित करते हुए फरमाया इंसानियत को ज़िन्दगी अता करने वाले को हुसैन कहते है ,जहां जहां इंसानियत होगी वहां वहां ज़िक्रे हुसैन होगा,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , कामयाबी चाहिए तो इस बात को ध्यान में रखें कि दीन और दुनियां के लिए अली अ.स. की क्या फ़िक्र थी। बग़ैर फिक्रे अली जिक्रे अली का कोई फायदा मिलने वाला नही ।यह बात इमाम बाड़ा मीर मासूम अली कटरा मे असरे की दूसरी मजलिस को ख़िताब करते हुए आली जनाब मौलाना जाबिर जौरासी साहब ने कही मौलाना ने यह भी कहा कि इताअत के मरकज़ का नाम है।

कर्बला,फिक़्रे अली से तैयार होती है करबला, मजलिस से पहले बाक़र नक़वी,मुजफ्फर इमाम व फ़राज़ अब्बास ने नज़रानए अक़ीदत पेश किए। मजलिस का आग़ाज तिलावत ए कलाम ए पाक से मो0 इसहाक “अली मियां” ने किया।आखिर मे मौलाना ने मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े आग़ा फ़य्याज मियांजानी के अजाखाने की दूसरी मजलिस को मौलाना फ़ैज़ान मेहदी जैदपुरी ने खिताब  करते हुए

कहा जो अल्लाह के सेलेक्शन से इमाम बनाया जाता है वो हक़ का नुमाइन्दा होता है । हाजी सरवर अली करबलाई व नजफ़ी ने नजरानए अक़ीदत पेश किए। वही रसूलपुर मे मोहसिन  साहब के अजाखाने की  मजलिस को आली जनाब  मौलाना तसनीम हैदर साहब ने ख़िताब  किया ।

अहमद रज़ा,फ़राज़ ज़ैदी , मज़हर आब्दी व फराज़ अब्बास ने नज़रानए अक़ीदत पेश किए। करबला सिविल लाइन और रिफाकत रिजवी केअजाखाने मे मौलाना मो0 मुजतबा ” मीसम ” साहब ने मजलिस को ख़िताब  करते हुए कहा हमारे पास जो भी मारफ़ते ख़ुदा है वो आले मोहम्मद का सदक़ा है ।डा 0 रज़ा मौरानवी, आरिज जरगांवी,हाजी सरवर अली करबलाई, तालिब जैदी व गाज़ी इमाम  ने नजरानए अक़ीदत पेश किए।
 

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