हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस "कामिल उज-ज़ियारात" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
منْ زَارَ الْحُسَیْنَ (ع) مِنْ شِیعَتِنَا لَمْ یَرْجِعْ حَتَّى یُغْفَرَ لَهُ کُلُّ ذَنْبٍ وَ یُکْتَبَ لَهُ بِکُلِّ خُطْوَةٍ خَطَاهَا وَ کُلِّ یَدٍ رَفَعَتْهَا دَابَّتُهُ أَلْفُ حَسَنَةٍ وَ مُحِیَ عَنْهُ أَلْفُ سَیِّئَةٍ وَ تُرْفَعُ لَهُ أَلْفُ دَرَجَة
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जो कोई भी इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत पर जाने के लिए चलता है, अल्लाह तआला उसके हर कदम पर हजारों अच्छे काम लिखता है, उसके हजारों पाप मिटा देता है, और उसे हजारों दरजात ऊपर उठा देता है।
कामिल उज-ज़ियारात, पेज 255, हदीस 281