हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शरई अहकाम:
सवाल : एक मर्तबा वुज़ू करने से हम कितने वक्त की नमाज़ पढ़ सकते हैं?
तमाम मराजय इकराम:जब तक वुज़ू बातिल नहीं होता और याहा तक कि कुछ दिन भी अगर वुज़ू बरकरार रहता है तो आप नमाज़ पढ़ सकते हैं।
तौज़िहुल मसाइल मराजय,म 323,आयतुल्लाह वाहीद,म 328,आयतुल्लाह नूरी ,रहबर म 324
नोट:हर नमाज़ के लिए अलग-अलग वुज़ू
करना मुस्तहाब हैं।