शुक्रवार 19 मई 2023 - 06:17
अगर वुज़ू के लिए पानी न मिले और इसी तरह तयम्मुम के लिए मिट्टी न हो तो ऐसे में हमारा क्या फ़र्ज़ है?

हौज़ा / एहतियात वाजिब की बिना पर, नमाज़ बिना वुज़ू के या बिना तयम्मुम के पढ़ना वाजिब नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

सवाल: अगर वुज़ू के लिए पानी न मिले और इसी तरह तयम्मुम के लिए मिट्टी न हो तो ऐसे में हमारा क्या फर्ज है?

ख़ुद नमाज़ के लिए:

1️⃣ आयत-ए एज़ाम, ख़ामेनई, मकारिम, फ़ाज़िल और साफ़ी: एहतियाते वाजिब की बिना पर वुज़ू और तयम्मुम के नमाज़ अदा करें।

2️⃣ आयात ए एज़ाम, इमाम ख़ुमैनी, सिस्तानी, वहीद, ज़ंजानी, नूरी, बेहजत और तबरेज़ी: ऐसी स्थिति मे नमाज़ वाजिब नहीं है।

कज़ा के लिए:

1️⃣  तमाम मारज ए एज़ाम:
ज़रूरी है कि उसकी कज़ा बाद में अदा करे (नूरी, बहजत: एहतियाते वाजिब की बिना पर)।

नोट: एहतीयाते वाजिब अर्थात आप अपने मुज्तहिद के अलावा ऐसे विद्वान मुज्तहिद के फतवे पर अमल कर सकते है जिसे इस मसले का ज्यादा ज्ञान हो।

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