۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
समाचार कोड: 392053
28 अक्तूबर 2024 - 06:05
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में जवानी बिताने की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "आमाली तूसी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیه السلام

لَستُ اُحِبُّ أنْ أرَى الشّابَّ مِنْكُمْ اِلاّغادِياً فى حالَيْنِ: إمّا عالِماً أوْ مُتَعَلِّماً، فَإنْ لَمْ يَفْعَلْ فَرَّطَ، فَإنْ فَرَّطَ ضَيَّعَ، فَإنْ ضَيَّعَ أثِمَ، وَ إنْ اَثِمَ سَكَنَ النّارَ وَالَّذى بَعَثَ مَحُمَّداً بِالحَقِّ

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:

मैं तुम्हारे बीच किसी भी युवा को देखना पसंद नहीं करता जब तक कि वह विद्वान या छात्र न हो, और यदि वह नहीं है, तो वह असफल हो गया है, और यदि वह असफल हो गया है, तो उसने खुद को नष्ट कर लिया है, और यदि वह असफल हो गया है, तो उसने खुद को नष्ट कर लिया है स्वयं पाप किया है, और यदि यह पाप है, तो उस ईश्वर की क़सम जिसने पैगम्बर मुहम्मद (स) को रसूल बनाकर भेजा, यह युवक सदैव अग्निमय नरक में रहेगा।

आमाली तूसी, 303 - 604

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