हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
:قال امیر المؤمنين علیه السلام
أيُّهَا اَلنَّاسُ: اتَّقُوا اَللَّهَ اَلَّذِي إِنْ قُلْتُمْ سَمِعَ وَ إِنْ أَضْمَرْتُمْ عَلِمَ و بَادِرُوا اَلْمَوْتَ اَلَّذِي إِنْ هَرَبْتُمْ مِنْهُ أَدْرَكَكُمْ وَ إِنْ أَقَمْتُمْ أَخَذَكُمْ وَ إِنْ نَسِيتُمُوهُ ذَكَرَكُمْ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
ऐ लोगों!अल्लाह से डरो कि अगर तुम कुछ कहो तो वह सुनता है और अगर दिल में छुपा कर रखो तो वह जान लेता है,उस मौत की तरफ बढ़ने का सर व सामान करो कि जिससे भागे तो वह तुम्हें पा लेगी और अगर ठहरे तो तुम्हें गिरफ्त में ले लेगी और अगर तुम इसे भूल भी जाओ तो वह तुम्हें याद रखेगी।
बिहारूल अनवार, हिक्मत नं.203