۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
India

हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मुमताज़ अली मरहूम जो इमाम ए जुमआ व जमात इमामिया हॉल दिल्ली में थे उनकी रहलत पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सिस्तानी के प्रतिनिधि मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने गहरा दुख और अफसोस ज़ाहिर करते हुए ताज़ियत पेश की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मुमताज़ अली मरहूम जो इमाम ए जुमआ व जमात इमामिया हॉल दिल्ली में थे उनकी रहलत पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सिस्तानी के प्रतिनिधि मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने गहरा दुख और अफसोस ज़ाहिर करते हुए शोक संदेश जारी किया है।

शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलाही राजी'उन

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

بسم الله الرحمن الرحیم

الَّذِينَ إِذَا أَصَابَتْهُم مُّصِيبَةٌ قَالُوا إِنَّا لِلَّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ.

निश्चित रूप से एक कर्मठ और सेवाभावी आलिम ए दीन की रहमत से समाज में ऐसा शून्य उत्पन्न होता है जिसे भरना आसान नहीं है।

हमारे बीच से एक कर्मठ आलिम ए दीन हुज्जतुल इस्लाम मौलाना मुमताज़ अली मरहूम दार-ए-मिज़ाज से दार-ए-करार की ओर रुख़्सत कर गए अपने परिवार साथियों दोस्तों और शागिर्दों को ग़मगीन कर गए।

उन्होंने अत्यंत सादगी के साथ जीवन बिताया और विशेष रूप से इमामिया हॉल के जुमे के मिम्बर से हर सप्ताह अपने अनूठे अंदाज़ में ता-हयात तबलीग-ए-दीन में व्यस्त रहे।

उनके किसी भी कदम से कभी भी क़ौम-ओ-मिल्लत को शर्मिंदा नहीं होना पड़ा और न ही उन्होंने अपनी शख्सियत को किसी फ़ितने या फ़साद का हिस्सा बनने दिया।

हम ख़ुदावंद ए आलम से दुआ करते हैं कि उनके दर्जात को बुलंद फ़रमाए जोवार-ए-मासूमीन अलैहिमुस्सलाम में स्थान प्रदान करें और उनके सभी परिवारजनों, रिश्तेदारों, शागिर्दों और अकीदतमंदों को सब्र-ए-जमील और अता फ़रमाए।

वस्सलाम

शरीक ए ग़म: सैयद अशरफ अली ग़रवी

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