۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
मजलिस

हौज़ा / मौलाना सैयद ज़ाहिद हुसैन रिज़वी ने कहा कि हज़रत सैयदा फातिमा ज़हरा स.ल.का जीवन पूरी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन नमूना है उनके किरदार और अमल की पैरवी करते हुए इंसान अपनी दुनिया और आख़िरत दोनों को संवार सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़,में मजलिस ए ख़म्सा का आयोजन आय्यामे फातेमिया कि मुनासिबत से बारगाह-ए-हुसैनी, ज़हरा बाग़ में आयोजित की गई।

यह कार्यक्रम आय्यामे फातेमिया कमेटी मोमिनीन-ए-हिंद की ओर से अकीदत और एहतराम के साथ आयोजित कि गई  इन मजलिसों से हाजी मौलाना सैयद ज़ाहिद हुसैन रिज़वी लखनवी ने खिताब किया।

मजलिस का आग़ाज़ तिलावत-ए-क़ुरान-ए-पाक से हुआ इसके बाद हर रोज़ अलग अलग शायरों ने बारगाह ए सैय्यदा फ़ातिमा ज़हरा स.ल. में नज़्र-ए-अक़ीदत पेश की और सोज़ख़्वानी की गई।

मौलाना सैयद ज़ाहिद हुसैन रिज़वी ने अपने खिताब में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.ल. बिन्ते हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स की जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर रौशनी डाली उन्होंने उनकी विलादत, तरबियत, ईसमत, निज़ाम-ए-अमल, पर्दा, जिहाद, उमूर-ए-ख़ानदारी, शादीशुदा ज़िंदगी, इबादत, अल्लाह के नज़दीक उनकी इज़्ज़त, और उनकी फज़ीलत और अजमत को बयान किया।आयत-ए-तथ्हीर," "आयत-ए-ज़ुलक़र्बा," और उनकी सब्र, ईसार और इबादत पर रोशनी डाली।

हज़रत फातिमा ज़हेरा स.ल.के किरदार और अमल की पैरवी में ही निजात है

मौलाना ने बाग़े फ़दक पर दावे उसके सबूत, हिबा की तस्दीक और खिलाफ़त के दरबार में बेटी-ए-रसूल स.ल. की पेशी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने मामले-ए-फदक में क़ुरान और हदीस की अहमियत और रसूल स के अहकामात पर ध्यान दिलाया साथ ही उन्होंने सैय्यदा के खुत्बा-ए-फ़दक और उसकी मसलहत पर तफ्सील से बात की।

उन्होंने कहा कि सैय्यदा फ़ातिमा स.ल.की 18 साल की ज़िंदगी इंसानियत के लिए एक नमूना-ए-अमल" है। वे अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अ.ल. की शरीक हयात और हसनैन करीमैन की वालिदा थीं उन्होंने रसूल-ए-क़ायनात स.ल. के विसाल के कुछ ही दिनों बाद शहादत पाई।

मौलाना सैयद ज़ाहिद रिज़वी ने अंत: में हज़रत फ़ातिमा स.ल. के मसयब बयान किया इस मौके पर मौजूद मोमनिन  की आंखों से आंसू निकल पड़े

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