हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी ने नमाज़-ए-जमाअत को एहमियत न देने और उसमें हाज़िर न होने के बारे में एक इस्तिफ़ता का जवाब दिया है जिसे अहकाम-ए-शरई में दिलचस्पी रखने वाले क़ारीन के लिए पेश किया जा रहा है।
सवाल: क्या नमाज़-ए-जमाअत को अहमियत न देना और उसमें हाज़िर न होना जायज़ है?
जवाब: हिक़ारत और अहमियत न देने की बिना पर नमाज़-ए-जमाअत में हाज़िर न होना जायज़ नहीं है।
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