हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है।
قال الامام الباقر علیه السلام:
إذا كنتَ في جَنازَةٍ فكُنْ كأنّكَ أنتَ المَحمولُ و كأنّكَ سَألتَ ربَّكَ الرَّجعَةَ إلَى الدُّنيا لِتَعمَلَ عَمَلَ مَن عاشَ؛ فإنّ الدُّنيا عِندَ العُلَماءِ مِثلُ الظل.
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमाया:
जब कभी तुम्हारे शव की यात्रा हो, तो आपको यह समझना चाहिए कि लोग आपको अपनी बाहों में ले जा रहे हैं और आप अपने अल्लाह से आपको इस दुनिया में वापस लाने के लिए कह रहे हैं ताकि आप उन लोगों की तरह व्यवहार करें जो जीवित हैं क्योंकि दुनिया समझदार की नज़र में एक छाया की तरह है ।
बिहार उल-अनवार, भाग 70, पेज 126
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