सोमवार 23 दिसंबर 2024 - 06:50
शांति के पर्दे में छुपे पाखंडियों की हकीकत

हौज़ा/ यह आयत मुसलमानों को पाखंडियों से रणनीतिक रूप से निपटने के लिए मार्गदर्शन करती है। शांति स्थापित करने के प्रयासों के साथ-साथ देशद्रोह से बाज न आने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم  बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम

سَتَجِدُونَ آخَرِينَ يُرِيدُونَ أَنْ يَأْمَنُوكُمْ وَيَأْمَنُوا قَوْمَهُمْ كُلَّ مَا رُدُّوا إِلَى الْفِتْنَةِ أُرْكِسُوا فِيهَا ۚ فَإِنْ لَمْ يَعْتَزِلُوكُمْ وَيُلْقُوا إِلَيْكُمُ السَّلَمَ وَيَكُفُّوا أَيْدِيَهُمْ فَخُذُوهُمْ وَاقْتُلُوهُمْ حَيْثُ ثَقِفْتُمُوهُمْ ۚ وَأُولَٰئِكُمْ جَعَلْنَا لَكُمْ عَلَيْهِمْ سُلْطَانًا مُبِينًا   सतजेदूना आख़ेरीना योरीदूना अन यामनूकुम व यामनू क़ौमहुम कुल्ला मा रुद्दू ऐलल फ़ित्नते उरकेसू फ़ीहा फ़इन लम यअतज़ेलूकुम व युलक़ू इलैकोमुस सलमा व यक़ुफ़्फ़ू अयदेयहुम फ़ख़जूहुम वकतोलूहुम हैयसो सक़िफ़तोमूहुम व औलेकुम जअलना लकुम अलैहिम सुलतानन मबीना (नेसा 91)

अनुवाद: जल्द ही आपको एक और समूह मिलेगा जो आपसे और उनके लोगों से सुरक्षित रहना चाहता है - जब भी उन्हें प्रलोभन दिया जाता है, तो वे उसमें गिर जाते हैं, इसलिए यदि वे आपसे अलग नहीं होते हैं और यदि वे कोई संदेश नहीं देते हैं शांति के और उनके हाथों को मत रोको, फिर उन्हें गिरफ्तार करो और जहां भी तुम उन्हें पाओ, उन्हें मार डालो, जिन पर तुम्हें खुला प्रभुत्व दिया गया है।

विषय:

मुसलमानों के लिए पाखंडियों से निपटने की रणनीति और देशद्रोह के ख़िलाफ़ उपाय

पृष्ठभूमि:

सूरह निसा की यह आयत उन समूहों के बारे में है जो मुसलमानों और उनके दुश्मनों के बीच पाखंडी व्यवहार अपनाते हैं। ये लोग मुसलमानों के साथ शांति का दावा करते हैं, लेकिन अपने दुश्मनों के समर्थन में देशद्रोह भड़काते हैं।

तफ़सीर:

1. दोहरे व्यवहार का खुलासा: यह आयत उन लोगों को इंगित करती है जो दोहरापन दिखाते हैं, एक तरफ मुसलमानों के साथ शांति की इच्छा दिखाते हैं और दूसरी तरफ अपने ही लोगों के साथ देशद्रोह में लगे रहते हैं।

2. नियम और आदेश: यदि वे अपना दोहरापन नहीं छोड़ते हैं और युद्धविराम या शांति का स्पष्ट संदेश नहीं देते हैं, तो मुसलमानों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया जाता है।

3. प्रभुत्व का तर्क: अल्लाह ने स्पष्ट रूप से मुसलमानों को इन पाखंडियों पर प्रभुत्व दिया है ताकि वे अपने बचाव में निर्णायक कार्रवाई करें।

महत्वपूर्ण बिंदु:

1. पाखंडी लोगों की भूमिका: पाखंडी समाज में उत्पात और उपद्रव का कारण बनते हैं। उनकी पहचान करना और उनसे निपटना महत्वपूर्ण है।

2. शांति का महत्व: इस्लाम शांति का धर्म है, लेकिन देशद्रोहियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की इजाजत देता है।

3. निर्णायक कार्रवाई: सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए जो लोग लगातार फितना फैलाने में लगे हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।

परिणाम:

यह आयत मुसलमानों को पाखंडियों से रणनीतिक रूप से निपटने के लिए मार्गदर्शन करती है। शांति स्थापित करने के प्रयासों के साथ-साथ देशद्रोह से बाज न आने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

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सूर ए नेसा की तफसीर

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