हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार , यूरोप अमेरिका और गैरअरबी अफ्रीकी क्षेत्रों के इस्लामी अध्ययन समूह ने कुम में ऑस्ट्रेलिया की पहचान के शीर्षक से एक शैक्षणिक बैठक का आयोजन किया।
यह बैठक अलमुस्तफ़ा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के लघु अवधि पाठ्यक्रमों और अध्ययन अवसरों के अनुसंधान विभाग के सहयोग से आयोजित हुई। इसमें हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ज़ैदसलामी ने ऑस्ट्रेलिया की सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों पर अपने विशेषज्ञ विचार प्रस्तुत किए।
इस बैठक का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया की सांस्कृतिक और सामाजिक स्थिति का विश्लेषण करना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौजूद चुनौतियों और अवसरों का मूल्यांकन करना और इस्लामी व सामाजिक विषयों में आपसी समझ को मज़बूत बनाना था।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन ज़ैदसलामी ने ऑस्ट्रेलिया में परिवार और महिलाओं को पहचान से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा,सांस्कृतिक शोषण और पश्चिमी पहचान में विलय की कोशिश ऑस्ट्रेलिया में एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है यह समस्या खासकर महिलाओं और युवाओं में अधिक देखी जा रही है जो सामाजिक स्वीकार्यता की इच्छा और अस्वीकृति के डर के कारण अपनी संस्कृति से दूर हो रहे हैं।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में तलाक की बढ़ती दर पर टिप्पणी करते हुए कहा,यहां तलाक एक सामाजिक रूप से स्वीकृत वास्तविकता बन चुका है और इसके आंकड़ों में लगातार वृद्धि हो रही है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के कारण पारिवारिक प्रणाली की अहमियत कम होती जा रही है, और तलाक को अब कलंक नहीं माना जाता।
ज़ैदसलामी ने ऑस्ट्रेलियाई युवाओं में पश्चिमी जीवनशैली अपनाने और उसके प्रभावों को एक बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा,कई युवा और परिवार सामाजिक स्वीकार्यता के लिए अपने नाम तक पश्चिमी रख लेते हैं। यह बदलाव केवल जीवनशैली तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी प्रभावित कर रहा है जिससे भौतिकवादी सोच और धर्म से दूरी का रुझान बढ़ रहा है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि युवा अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर कायम रहें, तो वे समाज में अधिक प्रभावी और सफल हो सकते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत न केवल उनकी पहचान को संरक्षित करने में मदद करती है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से भी मज़बूत बनाती है।
गौरतलब है कि यह बैठक ऑस्ट्रेलिया में इस्लामी समाज की सामाजिक स्थिति और चुनौतियों को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रयास थी, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं के महत्व को उजागर किया गया।
आपकी टिप्पणी