शनिवार 1 फ़रवरी 2025 - 16:57
अशरा ए फ़ज्र , इस्लामी क्रांति, मुस्लिम एकता और शोषितों का समर्थन हैं

हौज़ा / लेबनान के मुस्लिम उलेमा संघ के अध्यक्ष ने ईरानी इस्लामी क्रांति की जीत को ईरानी जनता के संघर्ष और इमाम खुमैनी र.ह.की सूझबूझ भरी नीतियों का परिणाम बताया उन्होंने इस क्रांति की भूमिका को मुस्लिम एकता और शोषित राष्ट्रों के समर्थन में अत्यधिक महत्वपूर्ण करार दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार ,लेबनान के मुस्लिम उलेमा संघ के अध्यक्ष ने ईरानी इस्लामी क्रांति की जीत को ईरानी जनता के संघर्ष और इमाम खुमैनी र.ह.की सूझबूझ भरी नीतियों का परिणाम बताया उन्होंने इस क्रांति की भूमिका को मुस्लिम एकता और शोषित राष्ट्रों के समर्थन में अत्यधिक महत्वपूर्ण करार दिया।

लेबनान के मुस्लिम उलेमा संघ के प्रमुख, शेख ग़ाज़ी हनीना ने मशहद में हौज़ा न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में दहे-ए-फजर इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ को याद करते हुए कहा कि यह क्रांति केवल ईरान तक सीमित नहीं रही बल्कि इसने कई देशों में बड़े बदलाव लाए और सांस्कृतिक, नैतिक, वैचारिक और धार्मिक रूप से गहरे प्रभाव छोड़े।

उन्होंने कहा कि दहे-ए-फजर केवल एक राष्ट्रीय घटना नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन था, जिसने दुनिया के कई हिस्सों में क्रांतिकारी परिवर्तन किए।

मुस्लिम एकता: इस्लामी क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि:

शेख ग़ाज़ी हनीना ने इस्लामी क्रांति की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि मुस्लिम एकता पर जोर देते हुए कहा कि यह क्रांति मुसलमानों को आपसी मतभेदों से ऊपर उठने का अवसर प्रदान करती है इसने इस्लामी उम्मत को करीब लाने और पैगंबर मुहम्मद स.ल. के अनुयायियों के बीच की बाधाओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई।

शोषितों और लेबनान के समर्थन में दहे ए फजर की भूमिका

उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति ने न केवल लेबनानी जनता को इज़राइल के खिलाफ संघर्ष में मदद की, बल्कि दुनिया भर में प्रतिरोध की भावना को मजबूत किया।

फिलिस्तीन और यमन पर इस्लामी क्रांति का प्रभाव:

शेख हनीना ने कहा कि इस्लामी क्रांति ने फ़िलिस्तीनी जनता को अपने अधिकारों की रक्षा करने और इज़राइल के खिलाफ डटकर खड़े होने की हिम्मत दी।

उन्होंने यह भी कहा कि दहे-ए-फजर ने यमन के लोगों का समर्थन किया, जिससे उन्होंने सऊदी गठबंधन और पश्चिमी शक्तियों के खिलाफ मजबूती से प्रतिरोध किया।

सीरिया की अखंडता और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष:

शेख ग़ाज़ी हनीना ने कहा कि इस्लामी क्रांति ने सीरियाई जनता को अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने और तकफीरी आतंकवाद को हराने की शक्ति दी।

उन्होंने बताया कि यह क्रांति न केवल दाइश जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सफल रही, बल्कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत किया।

दहफ़ा ए फज्र: ईरानी राष्ट्र की एकता और प्रगति का प्रतीक:

शेख ग़ाज़ी हनीना ने कहा कि इमाम खुमैनी र.ह.ने मुस्लिम एकता की अपील कर सभी मुसलमानों को एकजुट किया चाहे वे किसी भी फिरके से संबंध रखते हों।

इमाम खुमैनी र.ह. के अनुसार इस्लाम की प्रगति की कुंजी:

उन्होंने अंत में कहा कि इमाम खुमैनी र.ह. के दृष्टिकोण में मुस्लिम एकता किसी भी धार्मिक या विचारधारात्मक मतभेद से अधिक महत्वपूर्ण थी। उनका मानना था कि मुसलमानों की एकता ही इस्लामी दुनिया की सभी चुनौतियों का समाधान है।

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