हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:
إنَّ أبوابَ السَّماءِ تُفتَحُ فی أوَّلِ لَیلَةٍ مِن شَهرِ رَمَضانَ ولا تُغلَقُ إلی آخِرِ لَیلَةٍ مِنه
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
स्वर्ग के द्वार रमतज़ान उल मुबारक के महीने की पहली रात को खुल जाते हैं और महीने की आखिरी रात तक बंद नहीं होते।
बिहार उल अनवार, भाग 96, पेज 344
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